Saturday, August 28, 2010

Udaan hindi movie poem

"जो लहरों से आगे नज़र देख पाती तोह तुम जान लेते मैं क्या सोचता हूँ ,
वो आवाज़ तुमको भी जो भेद जाती तोह तुम जान लेते मैं क्या सोचता हूँ .
जिद का तुम्हारे जो पर्दा सरकता तोह खिडकियों से आगे भी तुम देख पाते,
आँखों से आदतों की जो पलकें हटाते तोह तुम जान लेते मैं क्या सोचता हूँ.

मेरी तरह खुद पर होता ज़रा भरोसा तोह कुछ दूर तुम भी साथ-साथ आते,
रंग मेरी आँखों का बाँट ते ज़रा सा तोह कुछ दूर तुम भी साथ-साथ आते,
नशा आसमान का जो चूमता तुम्हे भी, हसरतें तुम्हारी नया जनम पातीं,
खुद दुसरे जनम में मेरी उड़ान छूने कुछ दूर तुम भी साथ-साथ आते."

No comments: